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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

कन्याएं ढूंढेंगे लेकर के चिराग

कन्याएं ढूंढेंगे लेकर के चिराग

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बालिका संरक्षण में जो चूके हम,

और सके आज जो न हम जाग।

तो रक्षाबंधन और पाणिग्रहण हेतु,

कन्याएं ढूंढेंगे ले अलादीनी चिराग।


आदिकाल से नारी शक्ति करती रही,

इस पुण्य धरा पर जन-जन का भला।

ब्रह्माणी-रुद्राणी-कमला बन वर दीन्हे,

सावित्री बन टाली पति की मृत्यु बला।

भगिनी-माता और सुपुत्री के रूप में भी,

रिश्ते विविध निभाकर कीन्हा है अनुराग।


बालिका संरक्षण में जो चूके हम,

और सके आज जो न हम जाग।

तो रक्षाबंधन और पाणिग्रहण हेतु,

कन्याएं ढूंढेंगे ले अलादीनी चिराग।


नंदन देवकी और यशोदा के जाने जाते,

हैं हमारे प्यारे द्वापर के कृष्ण भगवान।

सीता-सावित्री से शुरू अनवरत श्रंखला,

अविरल

अब तक ही है जारी ससम्मान।

आर्यावर्त की इस श्रेष्ठ परंपरा रहें निभाते,

नहीं लगाएं हम इस परंपरा पर कोई दाग़।


बालिका संरक्षण में जो चूके हम,

और सके आज जो न हम जाग।

तो रक्षाबंधन और पाणिग्रहण हेतु,

कन्याएं ढूंढेंगे ले अलादीनी चिराग।


करते हुए निर्वहन उत्कृष्ट परंपराओं का,

इस समाज को हमें परिपूर्ण बनाना है।

पुत्र मोह का झूठा आडम्बर तजकर के

 हम संतुलित आदर्श समाज बनाना है।

लेश न अंतर पुत्र और पुत्री में है होता,

हम करें दोनों से ही एक सा ही अनुराग।


बालिका संरक्षण में जो चूके हम,

और सके आज जो न हम जाग।

तो रक्षाबंधन और पाणिग्रहण हेतु,

कन्याएं ढूंढेंगे ले अलादीनी चिराग।


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