कमज़ोर
कमज़ोर
तुम्हारे हाथों से सूखी रेत की तरह
सरकता हुआ मैं
हवा आंधी न हुई तो, तुम्हारे कदमों में
बिखर जाऊंगा
वरना आंधी का एक टुकड़ा हूँ
जाने किधर जाऊंगा।
तुम्हारे हाथों से सूखी रेत की तरह
सरकता हुआ मैं
हवा आंधी न हुई तो, तुम्हारे कदमों में
बिखर जाऊंगा
वरना आंधी का एक टुकड़ा हूँ
जाने किधर जाऊंगा।