वरना आंधी का एक टुकड़ा हूँ जाने किधर जाऊंगा। वरना आंधी का एक टुकड़ा हूँ जाने किधर जाऊंगा।
संभाल सको तो संभालो खुद को, यूँ ही टुकड़ों में मत बिखर जाने दो। संभाल सको तो संभालो खुद को, यूँ ही टुकड़ों में मत बिखर जाने दो।
ठूंठ बन मैं खड़ा, अंचम्भित सा ठगा सा। ठूंठ बन मैं खड़ा, अंचम्भित सा ठगा सा।
फिर छोड़ जाती हैं रेत पर सिर्फ खामोशियां। फिर छोड़ जाती हैं रेत पर सिर्फ खामोशियां।