कलयुग का सत्य
कलयुग का सत्य
कलयुग में नहीं कोई
किसी का मान है रखता,
लोगों के चरीत्र पर
लोग ही संवाद है करता।
उठना है अगर तुम्हें
तो अपनी नज़र में उठो,
औरों ने तो सीता पर भी
उंगली उठाये थे।
कलयुग में नहीं कोई
किसी का मान है रखता,
लोगों के चरीत्र पर
लोग ही संवाद है करता।
उठना है अगर तुम्हें
तो अपनी नज़र में उठो,
औरों ने तो सीता पर भी
उंगली उठाये थे।