कलम से इश्क: कविता
कलम से इश्क: कविता

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प्यार, दोस्त,परिवार ने
अकेला छोड़ दिया,
ज़िन्दगी ने भी एक वक़्त पर
साथ तोड़ दिया.
जब कलम से आंखें मिली ,
तब एक नया रिश्ता ज़िन्दगी ने मोड़ लिया,
फिर क्या था,हमने भी अपनी चाहत,
अनकहे लफ्ज़, हमारी कहानी
कलम से इश्क जोड़ लिया.
कश्ती को किनारे का सहारा हैं,
एक लेखक को तो अल्फजो का सहारा हैं.