STORYMIRROR

Chetna Gupta

Romance

3  

Chetna Gupta

Romance

कलम लिखवाती है

कलम लिखवाती है

1 min
265

वो यादें ही है जो मुझे उनके पास लाती है,

और तबाह करके साथ रहने लग जाती है।


कुछ साथ गुज़ारे लम्हे चेहरे पर मुस्कराहट

लाते हैं,

पर तभी अंधेरी रातों की यादें हवा के साथ

घुलकर हमे निराश करने लगती है।


मैं इन यादों का कत्ल करना चाहूँ, पर लोगों

को इश्क़ करते देख यह यादें तड़पती है मरती

नहीं।


मैं जितना इन यादों को जला कर भस्म कर दूँ,

उतना ही राख स्याही बन ज़ख्मों को कुरेदने का

काम करती है।


मैं जितना उन्हें खुद से दूर करना चाहूँ 

उतना ही उनकी यादें करीब आती है,

मैं जितना उस इश्क़ को मिटाना चाहूँ 

कलम उतना ही इसपर लिखवाती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance