कल क्या होगा..!
कल क्या होगा..!
उठ पड़े है आज..
एक नई किरण के साथ !
दौड़ रहे है आज..
एक नए स्वेरे के लिए !
एक ऐसा बगीचा बनाना है आज..
जिसके माली हम है !
एक ऐसा पोधा बोना है आज..
जिसमें फूल बनकर खिलना है कल !
एक ऐसा फल बनना है आज..
जिसमें मिठास भरनी है कल !
