ऐसा क्यों..!
ऐसा क्यों..!
इस जिन्दगी में नजाने क्यों...
फस गए हम।
जैसे प्यार में हार गए !
जीना क्या है? नजाने क्यों...
समझ गए हम।
जैसे दुनियां से हार गए !
रिश्ते की डोर नाज़ुक है ! नजाने क्यों...
समझ गए हम।
जैसे बिखरकर हार गए !
जिन्दगी क्या है ? नजाने क्यों...
समझ गए हम।
जैसे किनारे तक जाने मैं हार गए !