टुडे इज प्रजेंट
टुडे इज प्रजेंट
चल बालक उठ जा...
एक नया दिन हो गया है आज।
कल की रात चली गई!
चल बालक जाग जा...
एक नई आश है आज।
कल जो हुवा उसे भूल जा!
चल बालक आंखे खोलो अपनी...
एक नई किरण तुम्हारी है आज।
कल जो खोया उसे भूल जा!
चल बालक कुछ कर दिखा...
एक बार फिरसे जागा है तु आज।
कल जो होकर गुजरा उसे भूल जा!
चल बालक बढ़ा एक कदम जिन्दगी की ओर...
एक बार फिरसे जंग लड़नी है आज।
कल जो हारा था उसे भूल जा !
