किताबों की जीवंत सृष्टि
किताबों की जीवंत सृष्टि
बंधन मुक्त, सृजन युक्त,
निज कोष में वक्त लिए
पक्षपात से अनभिज्ञ
जहाँ जड़-चेतन के हृदय मिलें,
सृष्टि की कृति है यह -
कृति की अद्भुत सृष्टि,
यह मात्र शब्द चित्र नहीं,
है ज्ञान की विलक्षण निधि।
बच्चों की काल्पनिक दुनिया है,
युवा-वर्ग की अभिलाषा,
आस्था का साज़ है,
और विश्वास की अटल गाथा।
शब्दों के मोती नहीं,
कलम का कमाल है।
विचारशक्ति, मंत्र-गंध ही
सृष्टि का आधार है।
किताबों की जीवंत सृष्टि
अरण्यानी से है वापसी,
वास्तविकता के धरातल पर
अंकुरित करती संजीवनी।
