"किताब"
"किताब"
सफ़े- दर- सफ़े पढ़ी किताब,
किताबों की रोशनाई से,
इशक़ है जनाब, जब चली क़लम,
"अफ़साना -निगार" की छू गई।
उसकी क़लम की अदाकारी
इशक़ हो गया हर सफ़े से,
रुह को सुकून पहुंचा गई।
क़तार-दर- क़तार बेसाख़्ता,
दिल ने पुकारा -वाह-वाह- वाह
फलसफ़े फिर भी ख़ाली रह गए।
हर लम्हा एक नया सबक़ देती है।
ऊर्दू लफ़्ज़ों के मिनिंग:-
1. सफ़े=पन्ने
2. रोशनाई=सियाही
3.क़लम= पेन
4 .अफ़साना-निगार =कहानीकार
5 . अदाकारी= लेखनी
6. क़तार-दर-क़तार=लाइन-ब-लाइन
7. बेसाख़्ता=जोश से।