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Rakesh Bishnoi

Tragedy

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Rakesh Bishnoi

Tragedy

।।किसान या देशद्रोही।।

।।किसान या देशद्रोही।।

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कैसे कहूं देशद्रोही....

किसान देश की जान है

तिरंगा देश की शान है।

तो कौन वो गद्दार हैं? 


तिरंगे को करता अपमानित

न तू हिन्दुस्तानी है.......

चलाता तू तलवार भाला 

तो कैसे कहूँ तू किसान है..।


सभी किसान बेचारे देख रहे

शैतानों ने उठाया उनका रंग।

कैसे कहूं उसे किसान रैली ?

जहां थी उपद्रवियों की होली।।


जहां होता हिन्दुस्तानी झंडा

वहां था कोई और डंडा ।

किया तूने लज्जित गणतंत्र को

अरे कैसा तू हिन्दुस्तानी हैं।



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