।।किसान या देशद्रोही।।
।।किसान या देशद्रोही।।
कैसे कहूं देशद्रोही....
किसान देश की जान है
तिरंगा देश की शान है।
तो कौन वो गद्दार हैं?
तिरंगे को करता अपमानित
न तू हिन्दुस्तानी है.......
चलाता तू तलवार भाला
तो कैसे कहूँ तू किसान है..।
सभी किसान बेचारे देख रहे
शैतानों ने उठाया उनका रंग।
कैसे कहूं उसे किसान रैली ?
जहां थी उपद्रवियों की होली।।
जहां होता हिन्दुस्तानी झंडा
वहां था कोई और डंडा ।
किया तूने लज्जित गणतंत्र को
अरे कैसा तू हिन्दुस्तानी हैं।
