कोई क्या समझेगा उस माँ की पीड़ा जिसके नयन सूख गए पथ की राह निहारते उस पत्नी की मांग का सिंदूर इन्सा... कोई क्या समझेगा उस माँ की पीड़ा जिसके नयन सूख गए पथ की राह निहारते उस पत्नी की ...
शहीदों के शवों पर नहीं आतंकियों पर मातम मनाते कैसे भारतवासी हो तुम ? शहीदों के शवों पर नहीं आतंकियों पर मातम मनाते कैसे भारतवासी हो तुम ?
लूट कर ले जाने का रास्ता साफ़ करें और हमें सवाल करने के लिए माफ़ करें | लूट कर ले जाने का रास्ता साफ़ करें और हमें सवाल करने के लिए माफ़ करें |
मुँह से अपने विष उगलना ऐसे फितरत है तेरी। मुँह से अपने विष उगलना ऐसे फितरत है तेरी।
मात्र भाषण देना और श्रद्धासुमन अर्पित करना ही काफी नहीं है। मात्र भाषण देना और श्रद्धासुमन अर्पित करना ही काफी नहीं है।
चलाता तू तलवार भाला तो कैसे कहूँ तू किसान है..। ... चलाता तू तलवार भाला तो कैसे कहूँ तू किसान है..। ...