आप से कौन सवाल करे
आप से कौन सवाल करे
तप रही है धरती
तप जाने दीजिये
कट रहे हैं जंगल
कट जाने दीजिये
सुख रही है नदियाँ
सुख जाने दीजिये
मर रहे हैं इंसान
मर जाने दीजिये
बढ़ रहा है अत्याचार
बढ़ जाने दीजिये
भड़क रही है आग
भड़क जाने दीजिये
जल रहे हैं घर
जल जाने दीजिये
बह रहा है खून
बह जाने दीजिये
अपनी सिमा में घुस रहे हैं दुश्मन
घुस जाने दीजिये
आप देश के प्रधानमंत्री हैं
आप से कौन सवाल करे ?
आप ! बस अपने मूंछ पर
ताव देकर मर्दानगी का
सबूत दें
संसद में खड़े होकर
लम्बा-लम्बा भाषण दें
जनता को महँगा
राशन दें
महँगा पेट्रोल,महँगा डीजल दें
बेबसी दें,लाचारी दें
आज़ादी से ऊब गए हैं लोग
अब आप उन्हें गुलामी दें
बुज़ुर्गों को जीने के लिए
पाँच सौ का डंडा दें
युवाओं को नौकरी की जगह
अपनी पार्टी का झंडा दें
जो लिख रहे हैं,
जो बोल रहे हैं
उन्हें अर्बन नक्सल का ख़िताब दें
पूजीपतियों को खर्च का हिसाब दें
पक्ष वालों को देशभक्ति का दवा दें
विपक्ष वालों को देशद्रोही कह सजा दें
आप देश के प्रधानमंत्री हैं
आप से कौन सवाल करे ?
आप खाएँ , पिएँ , घूमें , मौज करें
पूंजीपतियों को देश की सम्पति
लूट कर ले जाने का रास्ता साफ़ करें
और हमें सवाल करने के लिए माफ़ करें |