देशद्रोही
देशद्रोही
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ख़बरों के बाज़ार में रोज़ सुनी खूनी खबरें
आती है सीमा पर आतंकी हमले की ख़बरें
देशद्रोहियों के कारण मेरा भारत शर्मिंदा है
बाहरी दुश्मनों से डर नहीं तब तक
जब तक भीतरघाती ज़िंदा हैं
बोलने की आज़ादी का मतलब ये कदापि नहीं
जो जी चाहे तुम बोलो
दुश्मन की करके तारीफें अपनी सेना को तुम कम तोलो
ज्यादा प्रेम है गर दुश्मन से तो गद्दारों भारत छोड़ो
या फिर देश का नमक खाकर तुम अपनी गद्दारी छोड़ो
साँप छुपे से आस्तीन के तुम, डसना फितरत है तेरी
मुँह से अपने विष उगलना ऐसे फितरत है तेरी।