Shailaja Bhattad

Abstract

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Shailaja Bhattad

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किरदार

किरदार

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कभी उड़ती पतंग, तो कभी ,  

उड़ती पतंग का मांझा बन जाती है। 

नारी हर किरदार बखूबी निभा जाती है।

आसमान में दूर कहीं ।

गुड़िया चरखा चला रही। 

भर भर के देखो ।

कितना खादी बना रही।


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