किरदार
किरदार
कभी उड़ती पतंग, तो कभी ,
उड़ती पतंग का मांझा बन जाती है।
नारी हर किरदार बखूबी निभा जाती है।
आसमान में दूर कहीं ।
गुड़िया चरखा चला रही।
भर भर के देखो ।
कितना खादी बना रही।
कभी उड़ती पतंग, तो कभी ,
उड़ती पतंग का मांझा बन जाती है।
नारी हर किरदार बखूबी निभा जाती है।
आसमान में दूर कहीं ।
गुड़िया चरखा चला रही।
भर भर के देखो ।
कितना खादी बना रही।