Lipi Sahoo

Inspirational

4.6  

Lipi Sahoo

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कीमत

कीमत

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शायद आज आसमान रो पड़ेगा ...

 कितने गुमसुम नयन भरे भरे।।

 इंसानों की बेबसी

 और लाशों के ढेर देख

 उससे संभाले ना संभले ।।

 क्या दिलासा दे धरती को…

 इस सोच में डूबा ...

 वालिद आखिर वालिद होते हैं।

 औलाद के हर इक गुनाहों को

 अपने दामन में छीपा लेते हैं।

 

रहम खुदा रहम करो ...

 उनके हर इक गुनाह की कीमत

 अपने आंसुओं से चुकाऊंगा

 कसम खाई है मैंने

 माशूका के दामन में

 जन्नत ला के रख दूँगा ...

 वालिद की क़ुरबानी को ...

 ज़ाया मत होने देना ...

 सच्चे औलादों की तरह

 थोड़ी सी इंसानियत जगा लेना ....।


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