ख्वाहिशें
ख्वाहिशें
जीना अगर है सब को, ढूंढे क्यों दिन एक यारा
इस पल को जी लो हँसके, वक्त है रंगों से पाटा
मन में है लेकर चले, कई सपने अनजान से
कश्ती को मिल जाएँगे, किनारे उसपार के
होंगी पूरी सबकी ख्वाहिशें !
ख्वाहिशें, तेरी ख्वाहिशें, मेरी ख्वाहिशें
धूप में जैसे छाँँव - सी है ये ख्वाहिशें
ख्वाहिशें, तेरी ख्वाहिशें, मेरी ख्वाहिशें
खुशियों की मोहताज - सी है ये ख्वाहिशें
दिलकश नज़ारे होंगे, मुस्कुराने के बहाने होंगे
मुट्ठी भर जीत की मिट्ठी, कुछ मेरे तुम्हारे होंगे
तूफानों में भी सड़क, ऐसे ही बन जाएँगी
ऊंचाइयों पर उड़े, पंख अपने फैलाएँगे
होंगी पूरी सबकी ख्वाहिशें !
ख्वाहिशें, तेरी ख्वाहिशें, मेरी ख्वाहिशें
रात में जैसे चाँदनी - सी ये ख्वाहिशें
ख्वाहिशें, तेरी ख्वाहिशें, मेरी ख्वाहिशें
रूह को खुद से करे रूबरू ऐसी ख्वाहिशें !
रास्ते टेढ़े - मेढ़े, सीधे मंज़िल को पाना
काले बादल जो बरसे, एक दूजे की छत बन जाना
बातों - बातों में यूँ ही, ग़म सारे मिट जाएँगे
पतझड़ के जाने के बाद, उम्मीदें नई आएँगी
होंगी पूरी सबकी ख्वाहिशें !
ख्वाहिशें, तेरी ख्वाहिशें, मेरी ख्वाहिशें
जुगनू जैसे रोशन - सी है ये ख्वाहिशें
ख्वाहिशें, तेरी ख्वाहिशें, मेरी ख्वाहिशें,
जीने की, जीते रहने की अपनी ख्वाहिशें...।
