मेरी माँ वो कहलाती है…
मेरी माँ वो कहलाती है…
आँखें जब मैं बंद करूँ,
उन में सपने वो सजाती है,
उन ख्वाबों को छुने की,
मंज़िल वो दिखाती है,
मेरी माँ वो कहलाती है,
मेरी माँ वो कहलाती है,
अच्छाई के पुन्य शिखर तक,
मार्गदर्शन वो कराती है,
हौसला दिल में मौन बसे जब,
आवाज़ वो खुद बन जाती है,
मेरी माँ वो कहलाती है,
मेरी माँ वो कहलाती है,
गोदी में अपने संसार के सारे,
खुशियों के राज़ छिपाती है,
घर आँगन को स्नेह से अपने,
हँसी हँसी महकाती है,
मेरी माँ वो कहलाती है,
मेरी माँ वो कहलाती है|
