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Anshu Shri Saxena

Inspirational

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Anshu Shri Saxena

Inspirational

ख़्वाहिशें

ख़्वाहिशें

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बावरे से मन में पलती हैं अनगिनत चाहतें,

पलकों पर अटकी हैं हज़ारों ख़्वाहिशें,

उम्मीदों का है गहरा समंदर

जिसमें डूबती उतरती मैं,

नापना चाहती हूँ इसकी गहराई…

पा लेना चाहती हूँ अपने सपनों की थाह,

पर, जिन्दगी हमेशा ही दो क़दम आगे निकल

हँसती, मुस्कुराती धीरे से फुसफुसाती है।


वक़्त से आँख-मिचौली कर ही

मिलेगी सपनों की राह,

मैं भी जिन्दगी का फ़लसफ़ा पढ़,

निकल पड़ी हूँ ख्वाहिशों के लम्बे सफ़र पर;

उम्मीदों से भरी जीवन की नई डगर पर!!


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