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ख्वाबों की पेटी

ख्वाबों की पेटी

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कुछ ख्वाबों की राख

आज एक पुराने डब्बे में मिली

चंद मुङे पन्ने

उन पर लिखे कुछ नगमे


पहले इश्क़ का इज़हार कमीने दोस्तों का प्यार

कुछ हसीन पलऔर यादों की बौछार


वो छोटी बातों पे

माशूका का रूठ जाना

उस एक की मुस्कान पे

हज़ारों का मर जाना

जब ज़िन्दगी बड़ी थी और ख्वाइशें छोटी


इन कत्ल हुए ख्वाबों में

शायद ज़िन्दा हैं कुछ आज भी

एक भीनी सी खुशबू

कुछ आँखों में नमी

बंद लबों पे ले आते हैं जो

एक प्यारी सी हँसी ।।




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