Nupur J
Drama
देखो सब यहाँ से देखो
दुनिया कितनी खूबसूरत
बिना किसी सीमा रेखा के...
बक्से
खूबसूरत
जीवन
शायद हम कुछ शब्द जोड़े अपनी जिंदगी में यही सोच हम लिखने से बेखर नहीं थे। शायद हम कुछ शब्द जोड़े अपनी जिंदगी में यही सोच हम लिखने से बेखर नहीं थे।
तो मायूसी को वक़्त की करवट मात्र समझ , उस से रुखसत ले ली तो मायूसी को वक़्त की करवट मात्र समझ , उस से रुखसत ले ली
मनोज वफ़ा बांटते रहो बदले जफ़ा के खुद की बेवफाई को कोई देखता नहीं। मनोज वफ़ा बांटते रहो बदले जफ़ा के खुद की बेवफाई को कोई देखता नहीं।
चलती है तो जान हमारी जाती है... मौसम है बारीश का और याद तुम्हारी आती है.. चलती है तो जान हमारी जाती है... मौसम है बारीश का और याद तुम्हारी आती है..
जिंदगी हकीकत है फिल्म नहीं.. यहाँ पल-पल किरदार बदलता है ! जिंदगी हकीकत है फिल्म नहीं.. यहाँ पल-पल किरदार बदलता है !
चलता रहा है और चलेगा, अद्भुत यह संसार।। चलता रहा है और चलेगा, अद्भुत यह संसार।।
समय के साथ बदला फिल्मों का रूप रंग समय के साथ बदला फिल्मों का रूप रंग
हम डूब रहे पर जिंदा हैं इस ठंडा पवन में जलने से। हम डूब रहे पर जिंदा हैं इस ठंडा पवन में जलने से।
तोड़ मोह की बेड़ियां मन निर्मल बनाता जा सब प्राणी जगत में जान हैं तेरे अपने तोड़ मोह की बेड़ियां मन निर्मल बनाता जा सब प्राणी जगत में जान हैं तेरे ...
तुम्हारे यादों का स्पर्श पुलकित करता है मुझे मेरे एकांत का साथी भी है सारथी भी....! तुम्हारे यादों का स्पर्श पुलकित करता है मुझे मेरे एकांत का साथी भी है स...
काश कोई हसीन हमसे भी मोहब्बत करता काश हमारे लिए भी कोई बग़ावत करता ! काश कोई हसीन हमसे भी मोहब्बत करता काश हमारे लिए भी कोई बग़ावत करता !
देखती रहती हूँ खुशियों को खिलते हुए अजनबी चेहरों पर, देखती रहती हूँ खुशियों को खिलते हुए अजनबी चेहरों पर,
माया ममता मोह में, मिला नहीं कुछ लाभ। अन्त काल में दुख हुआ, विवश हुए अमिताभ।। माया ममता मोह में, मिला नहीं कुछ लाभ। अन्त काल में दुख हुआ, विवश हुए अमिताभ।।
प्रेम, कर्तव्य, त्याग, समझौते, व्यवहारिकता के साथ, अनवरत …. प्रेम, कर्तव्य, त्याग, समझौते, व्यवहारिकता के साथ, अनवरत ….
न रात न दिन की परवाह थी थी तो बस तुम्हारी ही बात थी न रात न दिन की परवाह थी थी तो बस तुम्हारी ही बात थी
पवित्रता की वही छाप परम्पराओं के रूप में महोत्सव पर छपी है। पवित्रता की वही छाप परम्पराओं के रूप में महोत्सव पर छपी है।
इस आधार पर होगा एक परिवार हमारा। जो सजेगा सिर्फ प्यार और विश्वास से।। इस आधार पर होगा एक परिवार हमारा। जो सजेगा सिर्फ प्यार और विश्वास से।।
जीत का तिरंगा उसका हमेशा लहराएगा, हिंदुस्ता मेरा अपराजित कहलाएगा। जीत का तिरंगा उसका हमेशा लहराएगा, हिंदुस्ता मेरा अपराजित कहलाएगा।
अपने देश को होने से बीमार पर आज मेरा भारत बीमार है। अपने देश को होने से बीमार पर आज मेरा भारत बीमार है।
कहाँ आ गये हम ? इधर मैं हूँ, उधर तुम हो, जीवन के वो सारे पल आज गुमनाम हो गये। कहाँ आ गये हम ? इधर मैं हूँ, उधर तुम हो, जीवन के वो सारे पल आज गुमनाम हो...