खुशियों का संगम
खुशियों का संगम
भिन्न-भिन्न प्रकार के पुष्पों से बनी माला है परिवार,
धागा प्यार और विश्वास का जिसमें गुँधी है माला।
रंग, आकार, प्रकार, सुगंध, हैं सब न्यारे,
फिर भी लगता बड़ा प्यारा हार रूपी परिवार हमारा।
है परिवार एक गहरे रिश्ते का उदाहरण,
पिता की ममता, माँ की प्यार, बच्चों की किलकारी,
दादा-दादी की मुस्कान, नाना-नानी का आशीर्वाद,
है खुशियों का संगम मेरे परिवार का नाम।
एकता, सद्भाव, सम्मान और सहयोग की ज्योति,
जल यहां नित्य करती आलोकित हृदय का हर कोना ।
देती हुई प्रेरणा खामोशी से प्यार और समर्पण की,
करती जाती मज़बूत धागे को माला की दिन प्रतिदिन।
रहेंगे जुड़े हुए हर दर्द, हर खुशी में, चलेंगे प्रत्येक कदम साथ,
चुभेगें काँटे जो जीवन पथ पर निकाल फेंकेंगे मिलजुल कर,
थक जाएं तन- मन जब, जायें समा आग़ोश में परिवार की,
हो जायेंगें तरोताज़ा फिर से झेलने को कठिनाइयाँ जीवन की।।
आधार स्तम्भ है परिवार जीवन का,
बिना शर्त रहता खड़ा अडिग साथ हर मोड़ पर,
है यह ख़ुशियों की संम्पति का भंडार अनमोल और स्थायी
रखो इसे बन्द सदा हृदय की तिजोरी में।।