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Gopal Agrawal

Inspirational

4  

Gopal Agrawal

Inspirational

मस्ती वाले दिन,

मस्ती वाले दिन,

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कुछ ऐसा जुगाड़ जमाएं,

मायूस हो चुका है बचपन जिनका,

उन्हे फिर खुशियां लौटाएं,

कहीं से मस्ती भरे दिन लाएं,


होता था जब दोस्तों का साथ,

वहीं कर लेते थे मन की बात,

खेल खेल में कभी गुस्सा होते,

कभी करते थे दोस्ती की बात,

जब से बंद हुए है स्कूल,

सब कुछ पीछे छूट गया,

कई दोस्तों से मिलने का,

रोजाना का क्रम टूट गया,

न बचा अब होमवर्क का डर,

न ही टीचर्स की डांट का भय,

अकेले रहते हुए अब बोर हो गए,

काटे नहीं कटता अब समय,

पल पल दोस्तों की याद सताए,

कोई तो सोचकर बताएं,

अपनी परेशानी अब किसको सुनाएं,

कुछ ऐसी जुगाड़ जमाएं,

मायूस हो चुका है बचपन जिनका,

उन्हे फिर खुशियां लौटाएं,

कहीं से मस्ती भरे दिन लाएं,


याद आतें वो स्कूल वाले दिन,

खेल कूद और मस्ती वाले दिन,

किसी को मारते, किसी को सताते,

साॅरी बोल, दोस्ती का हाथ मिलाते,

एक को चिढ़ाते, सबको हंसाते,

हिलमिल से साथ खड़े हो जाते,

कहां गए दिन जो नजर नहीं आते,

कोई तो अब यह सोचकर बताएं

आखिर ऐसा कब तक चलाएं,

सभी मिलकर कुछ ऐसा अपनाएं

कुछ ऐसी जुगाड़ जमाएं,

मायूस हो चुका है बचपन जिनका,

उन्हे फिर खुशियां लौटाएं,

कहीं से मस्ती भरे दिन लाएं।



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