खुशियां बिखेरते चलो
खुशियां बिखेरते चलो
खुशियों की बचत कर अपनी गुल्लक को नहीं भरना है।
बल्कि रोज खुशी बिखेरते रहना है।
छोटी-छोटी बातों में जो हम ढूंढ लेंगे खुशियां।
और बांट लेंगे खुशियां
तो हम को खुशियों को गुल्लक में भरने की जरूरत नहीं।
क्योंकि जितना बाटेंगे उतनी ही ज्यादा मिलेगी हमको खुशियाँ।
इसीलिए ए मेरे दोस्तों खुशियां बांटते चलो।
खुशियां बिखेरते चलो।
छोटे-छोटे में खुशियां ढूंढते चलो।
हे जिंदगी का यही फलसफा।
जितने तुम चिंता में जाओगे
उतना चिंतित हो जाओगे।
जो तुम खुशियां ढूंढोगे तो खुशियां मिलती जाएंगी।
इसीलिए चिंतित ना हो।
खुशियां ढूंढो संतुष्ट रहो और खुश रहो।
है विमला का यह कहना जिंदगी है
दो दिन का बसेरा क्यों चिंता में डूबना।
छोटी-छोटी बातों में खुशियों को ढूंढना।
खुश होना और खुशियां बिखेरना।
यह है मेरी जिंदगी का फलसफा।
सब खुश रहो और खुशियां बिखेरते रहो ।
