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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Abstract Others

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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

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खुश हूँ

खुश हूँ

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खुश हूँ, ये बताने की ज़रूरत है क्या 

फूलों की खुशबू दिखाने की ज़रूरत है क्या !

छूई मुई और केकटस(cactus) से दूर रहते हैं सभी 

ये बात समझाने की ज़रूरत है क्या !!


रात में भी सुन्दर फूल खिलते हैं या नहीं 

सूखे पत्तों को बताने की ज़रूरत है क्या !

देश सर्वोपरि है मेरे लिए ये जानते हैं सभी 

छदम उद्घोषणा करवाने की ज़रूरत है क्या !!


आजकल ऐसा भी होने लगा है मसला

शक्ल में हम शक्ल नज़र आता है कोई !

बहुत छुपकर वार करता है वो शातिर 

उसे लोगों से मिलाने की ज़रूरत है क्या !!



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