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Surendra kumar singh

Inspirational

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Surendra kumar singh

Inspirational

खुश है वो

खुश है वो

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वो खुश था

और है भी

रास्ते से पत्थरों को हटाकर

कि पथिक को

सफर में सहूलियत होगी

और आकाश की जिद थी

रास्तों पर पत्थर

बिछाने की।

देर तक चला ये सिलसिला

वो पत्थरों को हटाता रहा

आकाश पत्थर बिछाता रहा

आखिर उसने सोचा

सफर को निष्कंटक बनाने

का नया तरीका

खुद चल पड़ा

कांटो और पत्थरों से

भरे हुए रास्ते पर

मुश्किलें आयीं

ठीक ठीक उसी तरह

जैसे आती थीं

रास्ते से पत्थरों को हटाने में

पर उसने उन्ही रास्तों

से सफर किया

जिन्हें वो सुगम्य बनाने में

लहूलुहान हो जाया करता था।


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