खुदा के करम की
खुदा के करम की
खुदा के करम की एक नज़र चाहिए।
परिंदों की खातिर एक शजर चाहिए।।1।।
शाख पर बैठकर वो सब गुफ्तगू करे।
ऊंचा उड़ने को परवाज ए पर चाहिए।।2।।
जिंदगी में अपने आमाल ना देखते है।
बाद मरने पर सब को जन्नत चाहिए।।3।।
दिल को वो एक खिलौना समझते है।
इश्क करने को वफाए सनम चाहिए।।4।।
बेदिल हो तुम ऐसे ना समझ पाओगे।
यूं अहसास जानने को नज़र चाहिए।।5।।
तन्हा दिल में जज़्बातों को क्या जानें।
बस्ती आबाद होने को बशर चाहिए।।6।।