खुद को न रोक पाये हम
खुद को न रोक पाये हम
गीत:खुद को रोक न पाये हम (लिरिक्स: ए दिल गलती कर बैठा है,
हम हमनवाजी है, हम तपस्वीनी है, खुद को भक्ति लीन रखा करते थे,
तुम्हें यूं देखते ही खुद को कैसे बदल दिया, ये समझ न पाये हम,
तेरे ही ख्यालों मैं कैसे खुद को हम भूल बैठे, तुम्हें देखकर क्यों खुद को न रोक पाये हम...
तेरे लफ्जों हमें इश्क जाम पिलाया, तेरी शरारतें यूं देखकर हम फिसल से गये,
न होश था, जो दिल में ताकत थी, जो तेरी कातिल नजर ने छीन ली, खुद को न रोक पाये हम...
एक घाव से न उभरे थे
ए नादानीयत भी क्यों फिर से कर बैठे तेरे गालों के डिम्पल ने,
तेरे नैना की पलकों ने हमको बावरा किया, खुद को चाहकर भी न रोक पाये हम...
बातों ही बातों में, तेरे तरफ
हम फिसलने लगे, बहुत संभाला खुद को मगर क्यों न खुद को रोक न पाये हम।
ये गलती बार बार क्यों हो गई, ये समझ न पाये हम,
तेरे सोचते सोचते रातें गुजर गई, तेरे बीन चाहकर भी अब जी न पाये हम...
गलती पे गलती कर के खुद को कोसते रहे, ये राह है रंगीन पर खुद को न रोक पाये हम।