ख़्वाबों के पन्ने
ख़्वाबों के पन्ने
थोड़ा तुम्हारा साथ था और
थोड़ा तुम्हारा प्यार,
बस वही दौलत थी मेरे पास,
कुछ अनगिनत पल थे
जो गुज़ारे थे मेने तेरे पास,
वही जमा पूंजी थी मेरे पास।
खोने के लिए बस एक तुम थे और,
पाने के लिए सिर्फ तुम्हारा प्यार था,
वो जो थोड़े से ख़्वाब बुने थे तेरे साथ,
वह अतीत बन गए है आज।
अब उन्ही ख़्वाबो में जिया करती हूँ मैं,
तुम न सही, तुम्हारी यादें तो है मेरे पास।
अक्सर याद कर लेती हूँ मैं तुम्हे,
जब अकेली बैठी होती हूँ,
तुम्हारी यादों के घेरे में।
अतीत के पन्नों को अब
पलटाया नहीं जा सकता,
खोया हुआ प्यार
फिर से पाया नहीं जाता।
प्यार से परे तो
नहीं हो पाती मगर,
ज़िन्दगी पलटती रहती है
नए पन्नों के साथ।