अनकही कहानी
अनकही कहानी

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तुम्हारी यादें है और ये कागज़ है,
जो मुझे तुम्हारी हर पल याद दिलाते है,
तेरे न लिखे हुए शब्दों पे,
मैं खुली किताब सी थी,
तुम्हारी प्यार की स्याही थी,
जो मुझे पनाह देती थी,
जीने के लिए मजबूर करती थी,
तुम्हारी लिखी कहानियाँ मुझे,
कुछ अनकहे जज़्बात होते है कोरे कागज़ में,
जैसे कोई ख़ुफ़िया कहानी,
मेरी भी कहानी ऐसी ही अनकही है,
जहाँ कागज़ तो है मगर शब्द खोए हुए है,
शब्द ही तो कागज़ की आत्मा होते है,
जो जिंदा तो होते है मगर कागज़ में दफ़न होते है!