सुकून के पल
सुकून के पल
जब तुम्हारी यादों का तूफ़ान उठता है,
तब दिल अतीत के पन्नो में सुकून ढूंढता है।
कभी कभी मन हो जाता है कि,
तुम्हारी यादों का एक घर ही बना लूँ।
जहाँ मर्जी हो तब तक मैं रह सकूँ,
तुम्हारे साथ कुछ पल बिता सकूँ।
तुम्हारे साथ चाय पी के,
अपना जी हल्का कर सकूँ।
तुमसे मिलकर मैं खुद से मिल पाऊँ,
जैसे मैं तुझमे खो जाऊँ।
थोड़ी देर भी अतीत के पन्नो में,
तुमसे प्यार कर सकूँ।
इस दर्दभरी ज़िन्दगी से परे होकर,
दोबारा मैं ज़िन्दगी जी लूँ।