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Nitin Saxena

Drama

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Nitin Saxena

Drama

खेद

खेद

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हमेशा देर कर देता हूँ मैं 

ज़रूरी बात कहनी हो 

कोई वादा निभाना हो 

उसे आवाज़ देनी हो 

उसे वापस बुलाना हो 

हमेशा देर कर देता हूँ मैं

 

मदद करनी हो उसकी 

यार को ढांढस बंधाना हो 

बहुत दूर रास्तों पर 

किसी से मिलने जाना हो 

हमेशा देर कर देता हूँ मैं 

बदलते मौसमों की सैर में 

दिल को लगाना हो 

किसी को याद रखना हो 

किसी को भूल जाना हो 

हमेशा देर कर देता हूँ मैं 

किसी को मौत से पहले 

किसी ग़म से बचाना हो 

हक़ीक़त और थी कुछ 

उस को जा के ये बताना हो 

हमेशा देर कर देता हूँ मैं 


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