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Devendraa Kumar mishra

Inspirational

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Devendraa Kumar mishra

Inspirational

खड़े रहो

खड़े रहो

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मौत मंडरा रही है 

तुम मौत पर मंडराओ 

मुश्किलें हो रही हैं 

तुम उनपर छा जाओ 

और कहो जिस जिस को आना है, आ जाओ 

उठकर खड़े हो जाओ 

अपनी रोटी मिल बांट कर खाओ 

कल की चिंता में मत घबराओ 

बस आज में तन मन से डूब जाओ 

ऐसे हालात से जो लड़ते हैं 

वे बनते हैं असाधारण 

लोगों के शोक का करते हैं निवारण 

हर आदमी के अंदर एक हीरो है 

बस जगाने की जरूरत है 

जो भागते हैं मुश्किलों से 

वे जीवन भर रहते जीरो हैं 

कुछ बनना है तो निकल पड़ो 

और परहित के लिए मौत की आँखों में आंखें 

डालकर खड़े रहो



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