कहानी !
कहानी !


नज़रें मिलाकर नज़र अंदाज़ जो करोगी तो
रुखसार पर गुल खिलाना है मुझको।
दिलों को मिलाकर जो दिल पेश कर दो तो
दिल ले के दिल में समाना है मुझको।
मिलन की घड़ी है जो आओ मिलन को तो,
मिलन हुस्नों इश्क का मिलाना मुझको।
कहानी हमारी बने जो कहानी तो
सुबह तक कहानी सुनाना है मुझको।