कहानी , उन वीरों की !
कहानी , उन वीरों की !
काश ,कहानी लिख पाते हम उन वीरों की,
जिनने फौलादी बन लाज बचाई जन जन की।।
पराधीन जीवन भी मितवा क्या जीना है,
आज़ादी की ख़ातिर तो जीना मरना है।
दुश्मन के छल - बल से अब ना कभी डरना है,
आज़ादी का गीत सदा सुर में गाना है।।
नई हुई है भोर, भविष्य उज्जवल करना है,
नई कलम से, नई इबारत फिर लिखना है।
आफत बन आई विपदा से ना डरना है,
स्वयं संयमित होकर उन सबसे लड़ना है।।
वीर बने हैं आज चिकित्सा के कर्मी,
सरकारें और पुलिस बन गई सत्कर्मी।
तुम्हें छोड़ना ही होगा देखो हठधर्मी ,
तभी वायरस में आ पायेगी नरमी।।
काश, बचे हम स्वयं घड़ी यह संकट की,
कुशल क्षेम हम मांगे देश के जन जन की।
बड़े बड़े संकट झेले हैं हमने सदियों की,
हमें गर्व है अपने अपने संकल्पों की।।
खबरदार जो चाल चल रहा है दुश्मन,
ठान लिया जन जन ने उससे निपटने की।
तुम अदृश्य हो भले किन्तु हम सावधान ,
मिटा सकेंगे कोरोना तेरे नामो-निशाँ ।।
