STORYMIRROR

मिली साहा

Abstract

4  

मिली साहा

Abstract

कहाँ गया मेरा स्कूल

कहाँ गया मेरा स्कूल

1 min
262

बच्चे पूछ रहे हैं सभी कहाँ गया मेरा स्कूल,

कब से देखा नहीं हमने शक्ल भी गये भूल,

मेरा बस्ता,मेरा टिफिन वो पानी की बोतल,

सुबह-सुबह स्कूल जाना,कहाँ गया वो पल,


स्कूल ड्रेस तो पहनते हम, पर स्कूल कहाँ है,

टीचर भी पढ़ाते हैं,पर स्कूल का बेंच कहाँ है,

दोस्तों के साथ बैठना,साथ में टिफिन खाना,

फिर करनी है वही मस्ती, हमें स्कूल है जाना,


डिजिटल हो गए दोस्त सारे, डिजिटल टीचर,

पता नहीं है कैसा होगा हम बच्चों का फ्यूचर,

ऑनलाइन कक्षा करते-करते हो गए परेशान,

ऐसे में तो हम भूल जाएंगे अपनी ही पहचान,


जब स्कूल जाते थे छुट्टियों का रहता इंतजार,

अब परेशान करे इतनी सारी छुट्टियों की मार,

छुट्टी के लिए करते थे कैसे पेट दर्द का बहाना,

बहुत हो चुकी छुट्टियाँ अब हमें स्कूल है जाना,


दोस्तों के साथ लड़ाई झगड़े खेल-कूद करना,

बड़ा मज़ेदार था नोटबुक में रिमार्क्स मिलना,

ऑनलाइन कक्षा में कहाँ वो मस्ती हो पाती है,

अब तो बस ये डिजिटल तारीफ़ ही मिलती है,


कोरोना की हम बच्चों से है यह कैसी दुश्मनी,

क्यों बच्चों का स्कूल छीना क्यों मस्ती छीनी,

बोलो आखिर कब तक ये सिलसिला चलेगा,

कब स्कूल की मस्ती का वो बुलबुला मिलेगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract