ख़ामोश अल्फाज़।
ख़ामोश अल्फाज़।
खामोश अल्फाज़ कितना कुछ कहते है।
अगर है असरदार तो रूह तक उतरते है।।1।।
हो दिल की कोई खुशी या हो गम कोई।
ये जिन्दगी के हर जज़्बात बयां करते हैं।।2।।
इंसा मरते है पर अल्फाज़ ज़िंदा रहते हैं।
होकर ये इकट्ठा किताबों में सारे सोते हैं।।3।।
अल्फाज़ ही हर मसले को हल करते है।
जाने कितना कुछ खुद में ज़ज्ब रखते है।।4।।
जैसा दिल होगा वैसे ही यह सब होते है।
अल्फाज़ ही इंसान को अकबर करते है।।5।।
कभी बनते नज़्म कभी कविता बनते है।
गहरा समन्दर अल्फाज़ अन्दर रखते है।।6।।