खालीपन
खालीपन
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जीवन के इस खालीपन में,
किससे अपनी बात कहें ।
वगैरों से हम अपनेपन में,
कैसे कुछ जज़्बात कहें ।
नए उजालों की चाहत में ,
यूं ही उम्र तमाम कटी ।
नहीं शिकायत कोई समय से,
क्यों होते दिन-रात रहे ।
झूठे रिश्ते–नाते है सब,
किस-किसके हालात कहें ।
गीली आँखें ,सूखे सपने,
और मन के संताप कहें ।
अक्सर सम्बन्धों के आगे,
हमने गम चुपचाप सहे ।
कौन छुड़ाकर हाथ ले गया ,
किसको अपने साथ कहें ।
जीवन के ........