खाली दिमाग शैतान का घर
खाली दिमाग शैतान का घर
लोग कहते हैं खाली दिमाग शैतान का घर होता है
मैं कहती हूं दिमाग कहां खाली होता है।
ऊल-जुलूल बातों से भरा होता है।
शेखचिल्ली के जैसे ख्याली पुलाव बना रहा होता है।
करना धरना कुछ नहीं ग्लास तोड़ा 12 आने को सार्थक कर रहा होता है।
आलस के कारण घर में पड़े पड़े लोगों के छिद्र ढूंढ रहा होता है।
हर बात को बड़ा चढ़ा कर लगाई बुझाई कर रहा होता है।
खाली खोटे ख्याल पाल पाल के अपने आप को शेखचिल्ली जैसा बादशाह समझ रहा होता है।
फिजूल बैठा इंसान खाली दिमाग को शैतान का घर बना रहा होता है।
जो दिमाग को शैतान का घर नहीं बनाना है।
तो कुछ ठोस काम कर प्यारे। तभी जिंदगी तुझको सलाम करेगी प्यारे।
अपने आप को कसौटी पर कसके कुछ ठोस काम कर प्यारे।
लोगों को तू मदद कर ,थोड़ा आर्थिक उपार्जन कर,
घर वालों को मदद कर तो लोग तेरी भी इज्जत करेंगे।
और यह कहने लग जाएंगे कि यह खाली दिमाग शैतान का घर नहीं
बहुत काम का बंदा है प्यारे।
जिंदगी को काम के साथ अपनाकर।
अपना भी भला कर और दूसरों का भी भला कर।
तो जिंदगी में इज्जत पा जाएगा।
और इस कहावत को झुठला कर अपना मुकाम पर जाएगा।
