कबीर दास जी जयंती
कबीर दास जी जयंती
आँख से हर भ्रम मिटा दे, हैं वहीं कबीर
साधना को श्रम बना दे, हैं वहीं कबीर
भय मिटा विश्वास जगा दे, बुझती शिखा संजीवनी में
करघे की धुन से ब्रह्म दिखा दे, हैं वहीं कबीर
वाणी से कुरीतियों को कला बना दे,कबीर वहीं हैं
भाव से इंसान में सब प्रेम भर दे, हैं वहीं कबीर
पोथी पाठ औऱ ज्ञान से परे जो पाया ज्ञान
अज्ञान से जो सत्य दिखा दे, हैं वहीं कबीर
फूँक कर सब मत मतांतर मिलन हृदय इंसान के
स्वच्छ धवल हृदय पर स्नेह उगा दे, हैं वहीं कबीर।
