कौन हूँ मैं?
कौन हूँ मैं?
इधर देखा, उधर देखा,
इसको टोका, उसको रोका,
ये खराब है, उसमें नहीं ताब है,
पर कभी खुद में झांका है...
खुद को कभी आंका है?
कौन हूँ मैं, कहाँ से आया हूँ?
कहाँ मुझे जाना है, कौन मेरा सरमाया है?
क्यों हर पल घबराया हूँ,
क्या लेने आया हूँ, क्या दे के जाऊंगा?
जिस पल ये जान लोगे...
कौन हो तुम, क्या लक्ष्य तुम्हारा?
जाना कहाँ है, क्यों दिल भरमाया,
सब कुछ शांत हो जाएगा,
जीने को मकसद मिल जाएगा।
आओ मिल कर खोज करें,
कौन हैं हम सब, किसकी सन्तान हैं?
कहाँ से आये हैं, कहाँ जाना है?
कितना, किसको, यहां से संग ले जाना है।