कौन हूँ मैं ?
कौन हूँ मैं ?
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एक परिंदा जो उड़ना चाहकर भी
ना उड़ पाए
वो हूँ मैं !
एक बिखरा हुआ - सा ख्वाब हूँ मैं
एक रात हूँ मैं
वो अपने सुबह का इंतज़ार कर रही !
एक बीत हुआ वक्त हूँ मैं
जो फिर से आने की
ख्वाहिश रखता है !
मैं वो सपना हूँ
खुुद को पूरा करना चाहती हूँ !
मैं वो दीया हूँ
खुद जलकर
दूसरों को रौशनी देेता है !
मैं दूसरों को
मुस्कुराते देखना चाहती हूँ
इसलिए खुुद मुस्कुराती हूँ !