कौन हो तुम
कौन हो तुम
मुश्किल समय में भी जो हौसला बांध जाए
वह एहसास हो तुम,
अँधेरी रातों में भी जो उम्मीद की रौशनी दिखाए
वह चिराग हो तुम,
साथ ना होने पर भी जो साथ होने का एहसास कराए
वह आभास हो तुम,
दर्द के समय में भी जो चेहरे पर मुस्कुराहट छोड़ जाए
वह याद हो तुम,
बेचैन दिल को जो सुकून दे जाए
वह ख्याल हो तुम,
शांत से समंदर में जो हलचल कर जाए
वह लहर हो तुम,
जिसमे हर वक्त खोए रहने का मन कर जाए
वह सुनेहरा वक्त हो तुम,
और जिसे सिर्फ देखते ही मेरे चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट आ जाए
वह शख्स हो तुम।

