कैसे पहचान लेती हो ? ..माँ
कैसे पहचान लेती हो ? ..माँ
मैं तो तेरी परछाई हूँ, माँ
तुझमें ही समाई हूँ, माँ
बिन कहे भी कैसे ? माँ
सबकुछ जान लेती हो ? तुम
मेरी तकलीफों को
बिन शब्दों के भी
कैसे पहचान लेती हो ?.. माँ
मैं तो तेरी परछाई हूँ, माँ
तुझमें ही समाई हूँ, माँ
बिन कहे भी कैसे ? माँ
सबकुछ जान लेती हो ? तुम
मेरी तकलीफों को
बिन शब्दों के भी
कैसे पहचान लेती हो ?.. माँ