कैसे - एक सवाल मेरा तुम से?
कैसे - एक सवाल मेरा तुम से?


भुला दूं तुम्हें कहते हो हम से
पर तुम ही बताओ ना तुम्हे भुलाऊँ कैसे?
सजाये रखी है मेरे दिल मे
जो यादें तुम्हारी मैंने जाने कब से
तुम ही बताओ ना उन्हें मिटाऊँ कैसे?
रूठ गए हो तुम मुझसे जाने किस बात पे
तुम ही बताओ ना तुम्हे मैं मनाऊँ कैसे?
रास्ते तो बहुत खूबसूरत है यहाँ साथ चलने को
पर तुम बिन मैं इस सफर मे तन्हा जाऊँ कैसे?
कहते हो अपना लो तुम किसी और को
पर जो तुम्हारा हो चूका है सदा के लिए
उस दिल को मैं किसी और से लगाऊँ कैसे?
जूठी मुस्कुराहट देखते है मेरी अब तो ये लोग सभी
पर तन्हाई मे जो आते है तेरी याद मे आंसू
उन्हें मे चाह कर भी रोक पाऊँँ कैसे?
फिरता हूँ लिए आँखों मे जो मैं ये तस्वीर तुम्हारी
छुपाना भी जो चाहू तो इस दुनिया की नज़रो से छुपाऊँ कैसे?
तेरी सारी तकलीफे और तेरे गम सभी हिसे मैं अपने
उस रब के यहाँ लिखवाऊँ कैसे?
चाहत हो जो हर जन्म मुझे तो सिर्फ हो तुमसे
ये दुआ तुम ही बताओ ना मैं पाऊँँ कैसे?