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Krishnakumar Mishra

Romance

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Krishnakumar Mishra

Romance

रात तो होती है मगर, वो रात नहीं होती

रात तो होती है मगर, वो रात नहीं होती

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रात तो होती है मगर, वो रात नहीं होती

तेरी मेरी इन दिनों अब बात नहीं होती 


आसमान भी होता है संग होते है चाँद सितारे 

पर तुझ बिन उनमे भी अब वो बात नहीं होती

रात तो होती है मगर, वो रात नहीं होती 


तेरी तस्वीर से कर लेते है बातें अक्सर 

जब तुम हमारे साथ नहीं होती 

रात तो होती है मगर, वो रात नहीं होती 


सुखी है मेरी दिल की ज़मीन 

इस पर अब कोई चाहत की बरसात नहीं होती 

रात तो होती है मगर, वो रात नहीं होती 


तुम होते हो तो हर पल होता है खुशनुमा 

बिन तेरे ना होते है हम,

और खुशनुमा ये कायनात नहीं होती 

रात तो होती है मगर, वो रात नहीं होती। 


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