अधूरी मोहब्बत
अधूरी मोहब्बत

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दस्तक दिल पर कोई दे भी कभी मेरे तो
दिल मेरा ये अब सुनता कहांँ है?
जो ख्वाब तुम संग देखे थे मैंने
वो ख्वाब अब ये बुनता कहां है?
कहता है मुझको तुम मंदिर बना लो
देवी का स्थान दूजा और कोई होता कहां है?
जब याद आती है तेरी तड़पता है ये अक्सर
दूजा कोई दर्द इसे होता कहां है?
मोहब्बत तो बिछड़ के भी रहती है ज़िंदा ज़िन्दगी मे
पाता है आशिक़ यादों की सौगात वो कुछ खोता कहां है?