कैसा ये समय
कैसा ये समय
कैसा ये समय, क्या इसका इरादा
बिछड़े समय का पछतावा
वर्तमान को देता बढ़ावा
भविष्य का कोई कह न पाता
समय कभी भी है बदल जाता
जो बात मेरी याद रख जाता
समय उसका संभल जाता
रूद्र कभी गलत न कहता
कोई न जाना, कभी न जाना
कैसा ये समय का इरादा।
