STORYMIRROR

Sonia Chetan kanoongo

Abstract

2  

Sonia Chetan kanoongo

Abstract

कैद कर बैठे हम जीवन

कैद कर बैठे हम जीवन

1 min
132

अतीत के पन्नों में कैद

कर बैठे हम जीवन,

आज का वजूद खो सा गया है,

कल की धुंधली यादों में।


भूल गए है जीना हम सब

आज की लकीरों में,

खुद को खोजे अक्सर हम,

कल की क्यों तस्वीरों में।


अतीत को ,अब से परे कर दिया,

और कल का दामन थाम लिया।

पर ये नहीं जाने न कल लौटेगा

न कल को देख पाएंगे।


फिर भी आज को

जाने क्यों ना पहचाने।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract